मैं उससे कितना प्यार करता हूं यह हकीकत जब उनको मालूम हुआ मेरा दिल उनकी मोहब्बत में मजबूर हो चुका है उनके विचार बदले बदले नजर आते हैं ऐसा लगता है उनको गुरूर हो चुका है
अपने हुस्न का जाल ऐसा बिछाओ मैं फस जाऊं उस में उम्र भर के लिए ना निकलने का कोई हो रास्ता फिर धीरे-धीरे आपके प्यार का ऐसा असर मुझ पर हो जाए मैं निकल ना चाहूं वहां से कभी